प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) के तहत 1.1 करोड़ से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। यह योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बुढ़ापे में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।
योजना के तहत, 18 से 40 वर्ष की आयु के असंगठित क्षेत्र के श्रमिक प्रतिमाह 55 रुपये से 200 रुपये तक का योगदान कर सकते हैं। सरकार भी इसी राशि का योगदान करती है। 60 वर्ष की आयु के बाद, श्रमिकों को प्रतिमाह 3000 रुपये से 5000 रुपये तक की पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है।
योजना के तहत पंजीकरण कराने वाले लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। 2022-23 में, 1.1 करोड़ से अधिक लोगों ने योजना के तहत पंजीकरण कराया है। इससे पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों में योजना के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
योजना के तहत पंजीकरण कराने के लिए, श्रमिकों को अपने बैंक खाते में एक आधार-आधारित लेनदेन (Aadhaar-based transaction) करना होगा। लेनदेन करने के बाद, श्रमिकों को अपने बैंक खाते में योगदान की राशि दिखाई देगी।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना एक महत्वपूर्ण योजना है जो असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बुढ़ापे में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है। योजना के तहत पंजीकरण कराने वाले श्रमिकों को बुढ़ापे में आर्थिक रूप से सुरक्षित रहने में मदद मिलेगी।