नई दिल्ली, 22 नवंबर, 2023: भारत सरकार ने 1 अप्रैल, 2023 से देशभर में राशन कार्ड धारकों को गेहूं-चावल का लाभ देने बंद कर दिया है। इसके बाद से राशन कार्ड धारकों को केवल चावल ही मिल रहा है।
सरकार ने यह कदम गेहूं की बढ़ती कीमतों को देखते हुए उठाया है। सरकार का मानना है कि गेहूं की बढ़ती कीमतों के कारण राशन कार्ड धारकों को अधिक सब्सिडी देनी पड़ रही है। इससे सरकार की आर्थिक स्थिति पर दबाव बढ़ रहा था।
सरकार ने यह भी कहा है कि भविष्य में राशन कार्ड धारकों को गेहूं का लाभ देने के लिए कोई नया तरीका खोजा जाएगा।
इन लोगों को नहीं मिलेगा गेहूं-चावल का लाभ
सरकार ने राशन कार्ड धारकों को गेहूं-चावल का लाभ देने से छूट देने के लिए कुछ नियम बनाए हैं। इन नियमों के अनुसार, निम्नलिखित लोगों को गेहूं-चावल का लाभ नहीं मिलेगा:
- जिनके पास आयकर रिटर्न भरने के लिए आय है।
- जिनके पास 100 वर्ग मीटर से अधिक का आवास है।
- जिनके पास 2 से अधिक वाहन हैं।
- जिनके पास 10 लाख रुपये से अधिक की नकदी या बैंक बैलेंस है।
- जो लोग विदेश में रह रहे हैं।
राशन कार्ड धारकों की संख्या
भारत में लगभग 80 करोड़ लोग राशन कार्ड धारक हैं। इनमें से लगभग 60 करोड़ लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। सरकार इन लोगों को प्रति माह 5 किलोग्राम गेहूं या 2 किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति के हिसाब से राशन उपलब्ध कराती थी।
राशन कार्ड धारकों पर पड़ेगा असर
गेहूं-चावल का लाभ बंद होने से राशन कार्ड धारकों पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। उन्हें बाजार से गेहूं और चावल खरीदना पड़ेगा, जिससे उनकी खर्चे में बढ़ोतरी होगी।
सरकार को इस बात पर विचार करना चाहिए कि राशन कार्ड धारकों को गेहूं-चावल का लाभ कैसे दिया जाए।