नई दिल्ली: भारत लंबे समय से देश में ही सेमीकंडक्टर बनाने की कोशिश कर रहा है, और अब इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल होने जा रही है। इजराइल की एक कंपनी भारत में पहली सेमीकंडक्टर फैक्टरी लगाने की योजना बना रही है। यह फैक्टरी भारत को चीन की तरह चिप मेकिंग में आत्मनिर्भर बनाएगी और चीन को कड़ी टक्कर देगी।
ताइवान के प्लान को भी मंजूरी
इसके अलावा कैबिनेट भारत के एचसीएल ग्रुप और ताइवान के फॉक्सकॉन ग्रुप के जॉइंट वेंचर की योजना को भी मंजूर कर सकता है. ये दोनों कंपनियां भारत में एक ‘आउटसोर्सड एसेंबली और टेस्टिंग यूनिट’ (OSAT) लगाना चाहती हैं. जबकि कैबिनेट की बैठक में आज टाटा ग्रुप की सेमीकंडक्टर बनाने की योजना पर भी काम हो सकता है. इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से ईटी ने खबर दी है कि इसे लेकर सरकार के पास 4 से 5 प्रस्ताव हैं, कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है.
भारत लंबे समय से देश के अंदर ही सेमीकंडक्टर बनाने की कोशिश कर रहा है. इस मामले में भारत का लक्ष्य आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ एक्सपोर्ट करने का भी है. इतना ही नहीं इसके लिए भारत सरकार ने पीएलआई स्कीम के तहत भी बड़ी राशि का आवंटन किया है.
83,000 करोड़ का निवेश
इस प्रोजेक्ट पर करीब 9 से 10 अरब डॉलर (करीब 83,000 करोड़ रुपए) का निवेश होने की उम्मीद है। इसमें से 50 प्रतिशत राशि के बराबर केंद्र सरकार ‘इंडियन सेमीकंडक्टर मिशन’ (ISM) सब्सिडी देगा। जबकि राज्य सरकारें इसके लिए 15-25 प्रतिशत की अतिरिक्त सब्सिडी भी देंगी।
टाटा ग्रुप की योजना पर भी विचार
कैबिनेट की बैठक में टाटा ग्रुप की सेमीकंडक्टर बनाने की योजना पर भी विचार हो सकता है। इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से ईटी ने खबर दी है कि इसे लेकर सरकार के पास 4 से 5 प्रस्ताव हैं, कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है।
भारत का लक्ष्य
भारत लंबे समय से देश के अंदर ही सेमीकंडक्टर बनाने की कोशिश कर रहा है। इस मामले में भारत का लक्ष्य आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ एक्सपोर्ट करने का भी है। इतना ही नहीं इसके लिए भारत सरकार ने पीएलआई स्कीम के तहत भी बड़ी राशि का आवंटन किया है।
यह फैक्टरी भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी और देश को सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।