हवाई जहाज में कौन सा ईंधन इस्तेमाल होता है?
हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाला ईंधन जेट फ्यूल होता है। यह एक तरह का केरोसिन है जो पेट्रोलियम से निकाला जाता है। जेट फ्यूल का उपयोग छोटे और बड़े दोनों प्रकार के विमानों में किया जाता है।
जेट फ्यूल के दो मुख्य प्रकार हैं:
- जेट ए1: यह सबसे आम प्रकार का जेट फ्यूल है। यह एक हल्के रंग का, बिना रंग का तरल है जो उच्च तापमान और दबाव पर स्थिर रहता है।
- जेट ए4: यह एक अधिक ज्वलनशील प्रकार का जेट फ्यूल है। इसका उपयोग उच्च ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले विमानों में किया जाता है।
जेट फ्यूल के कुछ प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं:
- यह उच्च ऊंचाई पर स्थिर होता है।
- यह कम तापमान पर जमता नहीं है।
- यह ज्वलनशील होता है।
- यह प्रदूषणकारी होता है।
जेट फ्यूल का उपयोग हवाई जहाजों को उड़ाने के लिए किया जाता है। यह विमान के इंजनों को शक्ति प्रदान करता है, जो विमान को हवा में ऊपर उठाते हैं। जेट फ्यूल एक आवश्यक ईंधन है जो लोगों और सामान को दुनिया भर में ले जाने में मदद करता है।
हहवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाला ईंधन का कीमत?
अब बात करते हैं कीमत की। ये ईंधन पेट्रोल या डीजल की तरह लीटर में नहीं, बल्कि किलोलीटर में बेचे जाते हैं। विमान ईंधन की कीमत 1.12 लाख रुपये प्रति किलोलीटर है। अलग-अलग शहरों में इसकी कीमत अलग-अलग है। दिल्ली में जहां यह 1,12,356 रुपये में उपलब्ध है, वहीं मुंबई में यह 1,11,246 रुपये प्रति किलोलीटर पर बिकता है। चेन्नई और कोलकाता में भी कीमत अलग-अलग है।
जेट फ्यूल के कुछ नुकसान भी हैं:
- यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है।
- यह प्रदूषणकारी होता है।
- यह महंगा होता है।
जेट फ्यूल के विकल्पों पर शोध किया जा रहा है, जिसमें जैव ईंधन और संश्लेषित ईंधन शामिल हैं। ये विकल्प जेट फ्यूल की लागत और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की क्षमता रखते हैं।