पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को ईडी ने कथित राशन घोटाले मामले में गिरफ्तार कर लिया है. मलिक बंगाल की ममता बनर्जी सरकार में वन मंत्री हैं. इससे पहले गुरुवार तड़के ही ईडी ने उनके आवास पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी कथित राशन घोटाले से जुड़ी है जिसकी जांच ईडी कर रही है.
ज्योतिप्रिय मलिक वन मंत्री बनने से पहले खाद्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के मंत्रियों पर पहले भी छापेमारी होती रही हैं. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने इस कथित घोटाले में चावल मिल मालिक बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था. 2004 में एक चावल मिल मालिक के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले रहमान ने अगले दो वर्षों में तीन और कंपनियां खड़ी कर लीं. ईडी अधिकारियों के अनुसार, रहमान ने कथित तौर पर शेल कंपनियों की श्रृंखला खोली और पैसे निकाले.
#WATCH | Kolkata: West Bengal minister Jyotipriya Mallick has been arrested by ED in connection with an alleged case of corruption in rationing distribution.
He says, "I am the victim of a grave conspiracy." pic.twitter.com/gARyddVT41
— ANI (@ANI) October 26, 2023
उन्होंने इस गिरफ्तारी पर कहा कि मैं गहरी साजिश का शिकार हो गया हूं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ममता सरकार में मंत्री मलिक के कम से कम 12 ठिकानों पर गुरुवार को ईडी ने छापेमारी की थी. ईडी कथित तौर पर करोड़ों रुपये के राशन घोटाले की जांच कर रही है.
ईडी के सूत्रों के अनुसार, रहमान ने खाद्य विभाग में गहरे में अपनी जड़ें जमाईं और राशन विभाग में अपने रैकेट के जरिए, जनता के लिए आवंटित खाद्यान्न को अवैध रूप से बेचकर पैसे की हेराफेरी की. ईडी के अधिकारियों ने कहा है कि रहमान के पास कोलकाता और बेंगलुरु में होटल और बार हैं और उन्होंने विदेशी कारें खरीदी हैं. उन्हें कुछ दिन पहले ही ईडी ने गिरफ्तार किया था.
ईडी सूत्रों के मुताबिक, जिस समय बकीबुर रहमान कथित तौर पर घोटाले में शामिल थे, उस दौरान ज्योतिप्रिय मलिक खाद्य मंत्री थे. ईडी पहले ही नौकरी घोटाले में मौजूदा खाद्य मंत्री रथिन घोष से पूछताछ कर चुकी है.