बिहार में 20 लाख से अधिक छात्रों को सरकारी स्कूलों से नाम कटकर हटाया गया, जानिए क्यों कटा इतना स्टूडेंट्स का नाम? केके पाठक का खुफिया प्लान..

Subhash Yadav
Subhash Yadav 3 Min Read
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पटना: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजूद, राज्य में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में 20 लाख से अधिक छात्रों को सरकारी स्कूलों से हटा दिया गया है।

कारण:

छात्रों को सरकारी स्कूलों से हटाने के कई कारण हैं। इनमें शामिल हैं:

  • सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है।
  • सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है।
  • सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है।
  • निजी स्कूलों में बढ़ती लोकप्रियता।

विस्तृत विवरण:

बिहार में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में गिरावट एक चिंताजनक स्थिति है। 2022-23 में, बिहार में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 1.23 करोड़ थी, जो 2021-22 में 1.43 करोड़ थी। यह कमी 20 लाख से अधिक छात्रों के बराबर है।

छात्रों को सरकारी स्कूलों से हटाने के कई कारण हैं। इनमें शामिल हैं:

  • सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है। कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, और जो शिक्षक मौजूद हैं, उनकी योग्यता और प्रशिक्षण हमेशा पर्याप्त नहीं होता है। इसके परिणामस्वरूप, छात्रों को पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है।
  • सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, और जो शिक्षक मौजूद हैं, उनकी योग्यता और प्रशिक्षण हमेशा पर्याप्त नहीं होता है। इसके परिणामस्वरूप, छात्रों को पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है।
  • सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। कई सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं, जैसे कि स्वच्छ पानी, शौचालय, और प्रयोगशालाओं की कमी है। इससे छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
  • निजी स्कूलों में बढ़ती लोकप्रियता। निजी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाएं सरकारी स्कूलों की तुलना में बेहतर होती हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजना पसंद करते हैं।

बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें शामिल हैं:

  • शिक्षकों की भर्ती में वृद्धि। सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में वृद्धि की है।
  • बुनियादी सुविधाओं में सुधार। सरकार ने सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं में सुधार के लिए धन आवंटित किया है।
  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार। सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों की शुरुआत की है।

हालांकि, इन कदमों से अभी तक अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं। सरकार को इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए इसे दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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