Bihar Caste Census Report: बिहार के जाति आधारित सर्वे के आंकड़े सावजनिक हो गए हैं, बिहार सरकार की तरफ से विकास आयुक्त विवेक सिंह, जिनके पास मुख्य सचिव का प्रभार है ने आज अन्य अधिकारियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रिपोर्ट जारी की. बिहार सरकार की तरफ से बिहार जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है. इस जनगणना के मुताबिक, पिछड़ा वर्ग के पास जनगणना का 27 फीसदी हिस्सा है और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी 35 फीसदी है.
बिहार में जाति आधारित सर्वे रिपोर्ट
जाति | आबादी |
यादव | 14 फीसदी |
भूमिहार | 2.86 फीसदी |
कुर्मी | 2.87 फीसदी |
मुसहर | 3 फीसदी |
ब्राह्मण | 3.66 फीसदी |
राजपूत | 3.45 फीसदी |
बिहार में जाति आधारित जनगणना के दूसरे चरण के परिणाम 2 अगस्त 2023 को जारी किए गए थे। इन परिणामों के अनुसार, बिहार की कुल आबादी 12.5 करोड़ है, जिसमें से 52.4% पुरुष और 47.6% महिलाएं हैं।
जातिगत आबादी
जाति के आधार पर बिहार की आबादी इस प्रकार है:
जाति | आबादी (करोड़ में) |
---|---|
यादव | 2.17 |
ब्राह्मण | 1.44 |
भूमिहार | 1.23 |
मुस्लिम | 1.16 |
दलित | 1.07 |
अन्य | 4.53 |
धर्म के आधार पर भी सामने आया आंकड़ा
धर्म | आबादी | प्रतिशत |
हिन्दू | 107192958 | 81.99% |
इस्लाम | 23149925 | 17.70% |
ईसाई | 75238 | 0.05% |
सिख | 14753 | 0.011% |
बौद्ध | 111201 | 0.0851% |
जैन | 12523 | 0.0096% |
अन्य धर्म | 166566 | 0.1274% |
कोई धर्म नहीं | 2146 | 0.0016% |
यादवों की आबादी में वृद्धि
यादवों की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 1.81 करोड़ थी, जो 2023 में बढ़कर 2.17 करोड़ हो गई है। यह 21.0% की वृद्धि है। यादव बिहार की सबसे बड़ी जाति हैं और राज्य की राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
ब्राह्मणों की आबादी में वृद्धि
ब्राह्मणों की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 1.23 करोड़ थी, जो 2023 में बढ़कर 1.44 करोड़ हो गई है। यह 17.6% की वृद्धि है। ब्राह्मण बिहार में शिक्षा और प्रशासन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
भूमिहारों की आबादी में वृद्धि
भूमिहारों की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 1.07 करोड़ थी, जो 2023 में बढ़कर 1.23 करोड़ हो गई है। यह 15.2% की वृद्धि है। भूमिहार बिहार में राजनीति और व्यवसाय में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
दलितों की आबादी में वृद्धि
दलितों की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 94 लाख थी, जो 2023 में बढ़कर 1.07 करोड़ हो गई है। यह 13.8% की वृद्धि है। दलित बिहार में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह हैं।
अन्य जातियों की आबादी में वृद्धि
अन्य जातियों की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 4.04 करोड़ थी, जो 2023 में बढ़कर 4.53 करोड़ हो गई है। यह 12.3% की वृद्धि है। अन्य जातियों में कुर्मी, वैश्य, क्षत्रिय, आदिवासी और अन्य शामिल हैं।
निष्कर्ष
बिहार जाति आधारित जनगणना के परिणामों से पता चलता है कि बिहार की आबादी में जातिगत संरचना में कुछ बदलाव हुए हैं। यादवों, ब्राह्मणों और भूमिहारों की आबादी में वृद्धि हुई है, जबकि दलितों की आबादी में वृद्धि हुई है। इन परिणामों का बिहार की राजनीति और समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।