भारतीय रेलवे की ट्रेनों में एसी कोच हमेशा बीच में ही लगाए जाते हैं। ऐसा क्यों है, इसके पीछे कई कारण हैं।
एक कारण यह है कि एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को कम भीड़ का सामना करना पड़ता है। ट्रेन के दोनों सिरों पर जनरल और स्लीपर कोच होते हैं, जो अधिक भीड़ वाले होते हैं। एसी कोच बीच में होने से इन भीड़ वाले कोचों से दूर हो जाते हैं, जिससे इनमें यात्रा करने वाले यात्रियों को कम भीड़ का सामना करना पड़ता है।
दूसरा कारण यह है कि एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को जल्दी स्टेशन पर उतरने में आसानी होती है। ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचने पर, यात्री आमतौर पर बीच के दरवाजों से उतरते हैं। अगर एसी कोच ट्रेन के सिरों पर होते, तो यात्रियों को ट्रेन के दोनों सिरों तक चलकर उतरना पड़ता, जो समय लेने वाला और थका देने वाला होता है।
तीसरा कारण यह है कि एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलती हैं। एसी कोच में अधिक जगह, बेहतर वातानुकूलन और अन्य सुविधाएं होती हैं। अगर एसी कोच ट्रेन के सिरों पर होते, तो इन सुविधाओं का लाभ कम यात्रियों को मिल पाता।
हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि एसी कोच ट्रेन के सिरों पर भी लगाए जा सकते हैं। उनका तर्क है कि इससे ट्रेन की लंबाई कम हो जाएगी और ट्रेन की गति बढ़ जाएगी। लेकिन, भारतीय रेलवे ने अभी तक इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है।
निष्कर्ष
ट्रेन के बीच में एसी कोच लगाने के कई फायदे हैं। इससे यात्रियों को कम भीड़, जल्दी स्टेशन पर उतरने और बेहतर सुविधाओं का लाभ मिलता है। इसलिए, यह एक व्यवहार्य व्यवस्था है।