नई दिल्ली. कतर की एक जेल में बंद 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है, जिनमें से सात भारत लौट आए हैं. कतर के इस फैसले को भारत सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है. बताया जाता है कि पिछले साल 1 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर तमीम बिन हमद के बीच दुबई में हुई बैठक ने इन पूर्व नौसैनिकों की रिहाई की जमीन तैयार कर दी थी. इन 8 पूर्व नौसैनिकों में से 7 सोमवार को स्वदेश लौट आए और उन सभी ने कहा कि कतर के साथ मुद्दे पर मोदी के हस्तक्षेप के बिना यह संभव नहीं था.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी ने 1 दिसंबर को दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन से इतर कतर के अमीर के साथ मुलाकात की थी, जिसके बाद इन भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए बैक-चैलन बातचीत शुरू हुई. इस बैठक के बारे में पीएम मोदी ने कहा था, ‘द्विपक्षीय साझेदारी की संभावना और कतर में भारतीय समुदाय की भलाई पर हमारी अच्छी बातचीत हुई.’ कहा जा रहा है कि पीएम मोदी की कतर के अमीर से हुई बातचीत में कतर की जेल में बंद आठ भारतीय नौसेना के दिग्गजों का मुद्दा भी शामिल था, हालांकि अभी तक दोनों देशों में से किसी ने भी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
आइए जानते हैं कि इन 8 पूर्व नौसैनिकों की रिहाई का पूरा टाइमलाइन
- कतर में इन 8 भारतीय नागरिकों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. उनपर पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित रूप से जासूसी करने का आरोप लगाया गया था.
- अक्टूबर 2022 में इन पूर्व नौसैनिक अधिकारियों से दोहा में तैनात भारत के राजदूत ने मुलाकात की थी, जिसके बाद वे अपने रिश्तेदारों से बात कर सके थे.
- इसके बाद मार्च 2023 में पूर्व नौसैनिकों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं को खारिज कर दी गई थी. उसी महीने उन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ दोहा की अदालय ने ट्रायल शुरू की थी.
- 26 अक्टूबर 2023 को कतर की अदालत ने इन रिटायर्ड नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि उन पर लगे आरोपों को अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया.
- भारतीय विदेश मंत्रालय ने नवंबर 2023 में इन पूर्व नौसेना कर्मियों को मौत की सजा के खिलाफ कतर की अदालत में अपील दायर की थी.
- वहीं दुबई में आयोजित COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी के बीच 1 दिसंबर को मुलाकात हुई थी.
- पीएम मोदी की इस मुलाकात के बाद दोहा की अदालत ने भारतीय नागरिकों की मौत की सजा को कम करके उम्र कैद में बदल दिया गया था और फिर इन पूर्व नौसैनिकों की सजा भी माफ करके आखिरकार उन्हें रिहा कर दिया.विदेश मंत्रालय ने कतर सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि भारत इस फैसले का स्वागत करता है. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है.’ मंत्रालय ने कहा, ‘रिहा किए गए आठ भारतीयों में से सात भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं.